मेरे पूर्वजों ने मुल्क की आजादी की लड़ाई लड़ कर अपना योगदान दिया: हाजी परवेज चौधरी

गाजियाबाद: जो  इस देश मे पैदा हुआ वो बाई बर्थ इन्डियन है मुझे मालूम है आपके बताने की आवश्यकता नहीं है ।न मेरे कान कोई कौवा ले जा सकता है न मे कोई कैले बैचने वाला मुसलमान हूँ एक जमींदार का बेटा हूँ  और इन्डस्ट्री चला रहा हूँ । 


मेरे 12 बच्चे हैं और न वो आपके घर जा आपसे दन मांगने शाम को गोश्त खाना मेरी आदत मे नही है वेसे आपकी जानकारी के लिए बता दूँ मे पिछले 10 वर्षों से दोपहर मे ही भोजन करता हूँ ये अलग बात है कि गौश्त या साग सब्जी जो मिल जाये खा लेता हूँ  ।जिस जमाने मे लोग अल्ट्रासाउंड कराकर जन्म से पहले बेटियां मारने मे लगे हैं उस जमाने मे 3 पुत्रियों का खुशनसीब पिता हूँ । मेरे पूर्वजो ने जो मुझे तालीम दी है उस पर मुझे फख्र है उसी का नतीजा है कि जमींदार का बेटा होकर मुजरा देखकर बर्बाद नही हुआ एक सफल कारोबारी हूँ सभासद रहा हूँ नगर पालिका परिषद मे । समाजवादी पार्टी के विभिन्न पदों पर रहकर सेवा करते हुए पिछले 4 वर्षों से अध्यक्ष हूँ ।
मुझे अध्यक्ष मेरी लगन व मेहनत की बदोलत बनाया गया है किसी की कृपा से नही बना मे फिर भी आपकी जानकारी के  लिए बता दूँ कि पहली बार मुझे समाजवादी पार्टी के तत्कालीन जिलाध्यक्ष  साजिद हुसैन साहब ने बनाया उसके बाद तत्कालीन जिलाध्यक्ष  रामकिशोर अग्रवाल ने उसके बाद पूर्व विधायक तत्कालीन जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार मुन्नी  ने बनाया मेरी काबिलियत उनसे पूछ सकते हैं नम्बर मे दे दूंगा अगर जरूरत हो आपको ।मेरे पूर्वजों ने मुल्क की आजादी की लड़ाई लड़ कर अपना योगदान दिया । आपने बोला कि मेरे पूर्वजों ने बंटवारा किया ।मेरे पूर्वजों ने बंटवारा नही किया और न उन्होने बटवारे के बाद दूसरे मुल्क जाना गंवारा किया यहीं रहै उनकी कब्रें आज भी मुरादनगर के रावली रोड पर कब्रिस्तान मे मोजूद हैं  हम बाई चांस नहीं बाई चाईस इन्डियन हैं जितना अधिकार आपका है इस मुल्क पर उतना मेरा भी है । प्रस्तावित एन आर सी और,सी ए एक्ट को मेने पढ़ा है पढ़कर ही और लिखी है 
अनपढ़ या जाहिल जो मेरे भाई मुझे कह कर सम्बोधित कर,रहै हैं ये उनकी उदारता है या कहें उनकी तालीम ही एसी है । भे उनका बुरा नही मानता । और,रही बात उनको उनकी भाषा मे जवाब देने की तो मे चाहू उनसे ज्यादा बद अखलाकी कर सकता हूँ मगर मेरी तहज़ीब मुझे एसा करना गवारा नहीं करती  । एक सज्जन ने कहा मुसलमान
खतरे मे हैं । उनके लिए मेरी नसीहत है मुझे किसी से कोई खतरा नही है और न मुसलमान इतना कमज़ोर हैं  कि किसी से खतरा हमे डरायेगा । मेरे किसी शब्द से किसी को ठैस पहुँचे तो माफी चाहूँगा । मजहब से न तोल मेरी वतन परस्ती को  मेने वहां तिरंगा फैहराया है जहाँ पहुचना तेरी औकात मे भी नही है जय हिंद हाजी परवेज चौधरी