आई0टी0,एस कॉलेज मुरादनगर के बायोटेक्नोलॉजी विभाग में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। आई0टी0,l0 कॉलेज मुरादनगर प्रत्येक विषय तथा सामाजिक पर्वो को बड़े उल्लास पूर्वक मनाता आ रहा है जिसके लिए संसथान के चेयरमैन शिक्षाविद समाज सेवी एवं माननीय श्री आर0पी0 चड्ढा जी का मार्गदर्शन और सहयोग सराहनीय होता है उन्ही के मार्ग दर्शन में इस समारोह का आयोजन मिनीऑडिटोरियम में किया गया।
कार्यकर्म का शुभारम्भ संस्थान के उपचेयरमैन माननीय श्री अर्पित चड्ढा जी के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा सरस्वती वंदना से हुआ। माननीय श्री अर्पित चड्ढा जी ने बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस श्री सी वी रमन जी के महत्वपूर्ण खोज jeu izHkko का महत्व बताने हेतु किया जाता है जिसकी खोज १९२८ में हुई थी। यह लेख विज्ञान जगत के श्रेष्ठ जर्नल नेचर में प्रकाशित हुआ था जिस हेतु श्री रमन को १९३० में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था जो भारत के किसी भी व्यक्ति द्वारा जीता गया प्रथम नोबेल पुरस्कार था। उन्होंने यह भी बताया कि श्री रमन को भारत रत्न पुरस्कार १९५४ में तथा लेनिन शांति पुरस्कार १९५७ में प्रदान किये गए थे तथा श्री रमन को १९२४ में फेलो ऑफ़ रॉयल सोसाइटी से भी सम्मानित किया गया था।
प्राचार्य डॉ सुरेंद्र सिंह ने सभी उपस्थित जनो का सवागत किया तथा बताया कि रमन प्रभाव . प्रभाव उत्सर्जन से सम्भंधित खोज थी जिसे रमन स्पेक्ट्रम के नाम से जाना जाता है।
२८ फ़रवरी को सन १९८७ से विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। भारत सरकार ने सन २०२० में विज्ञान दिवस को महिलाओं के सम्मान को समर्पित किया है तथा इस वर्ष की थीम विज्ञान के खोज में महिलाओं का योगदान है।
उन्होंने बताया कि विज्ञान के क्षेत्र में पुरषों कि समकक्ष ही महिलाओं का योगदान है मेरी क्यूरी प्रथम महिला नोबेल पुरस्कार १९०३ एका योगदान सराहनीय है तथा साथ ही अनेक भारतीय महिलाओं जैसे ekuuh;k श्रीमती जानकी आम्यल आसिमा चटर्जी रोहिणी गोडबोले इंदिरा हिंदुजा शुबहा तोले परमजीत खुराना अदिति पंत टेसी थॉमस तेजस्विनी का योगदान सराहनीय है।
कार्यकर्म में उपस्थित प्रोफेसर सी0,l0 राम ने भी अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान सराहनीय है।जहाँ भारतीय मिसाइल अएन के विकास के लिए श्रीमती टेरी थॉमस को जाना जाता है वहीं डीऐनऐ स्ट्रक्चर की खोज का श्रेय श्रीमती मेरी क्यूरी को जाता है। कार्यक्रम में श्रीमती चैताली चक्रवर्ती डॉ संजीव शर्मा डॉ पल्लवी मित्तल डॉ नेहा मित्तल तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।